बड़ी बड़ी बातों का बड़ा बड़ा जाल, सीधे बने लोगो की शतरंज सी चाल, जैसी दिखे दुनिया वैसा सच्चा नही हाल, भ् म जाल,माया जाल, रिश्तो का व्यापार, इन सब में घिरा हैं इंसान का जीवनकाल,............
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