Meri Abhivyaktiyaan
Saturday, 11 May 2019
गुबार
बहुत दिनों से भरा ये गुबार अब फूटा,
किसी के लिए सिर्फ शब्द हमारे लिए ये भार अब फूटा,
कोई समझे चाहे न समझे मुझे ,
मेरे अपने विचारों का प्रहार अब फूटा...............
अंजलि
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