जब दरार सी आती है फर्क पड़ ही जाता है ,
जुडाव से बिखराव तक का सफर चल ही जाता है,
दर्रे दर्रे उतर जाती है सब पपड़ीयां,
खो जाती है रंगत बदल जाती है सारी हस्तियां,
रंग उतरता ही है इंसान हो या तितलियां,,लल
,
Post a Comment
No comments:
Post a Comment