Sunday 21 April 2024

हक

मुझे हक नही अब कि तुमपे अपना मैं हक जताऊ,
यूं पराया किया है एक पल में मै क्या अब खुद को समझाऊं,
सुकून से जीना बस तुम सोचना भी ना मुझे चाहे मैं मर भी जाऊ,
सारी गलतियां मै अपनी ही मानु यही दुआ है बस इस जिंदगी मे कभी तुम्हे ना मैं याद आऊं ...............





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