हमारे अपना मान लेने से दुनिया में कभी अपने नही मिलते,
लोग हमे वक्त और जरूरत के हिसाब से बदलते बहुत है हम इस जमाने के हिसाबो से नही मिलते,
लोग बोलते है समझते नही है हम उनको पर कभी कोई हमे भी समझेगा ये भरम भी हमे नही मिलते,
रिश्तों की हकीकतों के आइने में जो खुद को ढूंढू मे यहां दुनिया तो मिलती है पर ऐसे आइने नहीं मिलते ,