प्रेम में समर्पण का महत्व तो सभी बताते है ,
पर क्या खुद को उस समर्पण में ढाल पाते है,
जितना आप लोगो के लिए खुद को मिटाते जाओगे,
दूसरा आपको उतना ही आजमाता जाएगा,
आप मिट भी जाओगे तो मजाक ही बनाए जाओगे,
वक्त के साथ लोग बदल जायेंगे और आप सिर्फ एक तमाशा बन के रह जाएंगे,
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