संदेह और प्रेम दोनो एक साथ नही रह सकते,
पर सच और झूठ रह सकते है ,
झूठ को सच का नकाब पहना के दूसरो को बेवकूफ बनाना कौनसा मुश्किल काम है ,
ये आसान भी इसीलिए है क्यूंकि आप यकीन करके खुद ही खुद को बेवकूफ बना रहे होते है ,
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