Sunday 24 July 2011

Tanhai


जब भी मोड़ आया जिंदगी में कोई उस वक़्त हमने खुद हो तनहा सा पाया |
क्या करे हम किसी रिश्ते की बात बेबसी के वक़्त तो साया भी अपना न आया |
जीते रहे छुपा कर अपने गम भी सभी फिर भी आखों को अपनी नम सा पाया |
जब भी मोड़ आया जिंदगी में कोई उस वक़्त हमने खुद हो तनहा सा पाया |

LIFE


दुनिया बड़ी अजीब हैं यहा कब कौन कहा बदल जाए कुछ पता नही हैं |
कभी कभी जो रास्ते मंजिल लगते हैं वो रास्ते में ही गुम हो जाते हैं |
कभी कभी जो अपने लगते हैं वो सपनो में ही गुम हो जाते हैं |
क्या हकीकत हैं यहा और क्या फ़साना हैं |
बहुत मुश्किल सा लगता  ये जान पाना हैं |
ज़िन्दगी कभी कभी दो लफ्जो में बयाँ हो जाती हैं 
और कभी कभी कम पड़ जाता शब्दों का खजाना ह...

जय गणपति महाराज

वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि  सम्प्रब्हम 
निर्वघ्नम कुर्मे देवं सर्व  कार्येशु सर्वदा