देश का नवजवान गर हाथ पर हाथ धर
देश को बचने गर आगे नहीं आएगा
आने वाली पीढ़िया भी कायर कहेगी उसे
वीरो की सहादते बेकार कर जाएगा
उर्र में जागाओ आज ऐसे वन्देमातरम
की एक सौ करोड़ कंठ गाये वन्देमातरम
ठान ले नवजवान गर,मुश्किल नही डगर
कि एक न एक दिन वो भी दिन आएगा
जब विश्व का हरेक देश नमन करेंगा हमे
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