Meri Abhivyaktiyaan
Thursday, 18 July 2019
नंदियो की लहरें उथल पुथल हुई जा रही है,
ना जाने कौन सी बेचैनी है फिर भी बहे जा रही है,
कुछ कहना तो चाहती है पर सहे जा रही है,
तूफ़ान सा लायेगी इसकी ये ख़ामोशी जो घूट घूट ये पीयें जा रही है...........................
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