Monday, 29 July 2019

जीवन मर्म

कविता क्या चंद शब्दो का हेर फेर हैं,
जीवन क्या धूप छावं का तालमेल हैं,
सुख दुख क्या बदलते वक़्त का एक खेल हैं,
कुछ हकीकत ,कुछ फ़साना सबका अपना अपना अफसाना,
बड़ा अनूठा बड़ा ही अद्भुत जीवन मर्म को जान पाना,
हो कुछ भी सबने माना है जीवन एक अनमोल खजाना,
 हाथ पसारे आते हैं सब हाथ पसारे सब को जाना .......

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