Sunday 24 July 2011

YOUTH POWER


देश का नवजवान  गर हाथ पर हाथ धर 
देश को बचने गर आगे नहीं आएगा
आने वाली पीढ़िया भी कायर कहेगी उसे 
वीरो की सहादते बेकार कर जाएगा 

उर्र में जागाओ आज ऐसे वन्देमातरम
की एक सौ करोड़ कंठ गाये वन्देमातरम 
ठान ले नवजवान गर,मुश्किल नही डगर
कि एक न एक दिन वो भी दिन आएगा
जब विश्व का हरेक देश नमन करेंगा हमे
भारत की चोखट  पें सर को झुकाएगा


ज़िन्दगी एक पहेली


लगी हैं ठहरी ठहरी सी बड़ी हैं गहरी गहरी सी 
समझ में ही नही आती हैं ये क्यों हैं एक पहेली सी
कभी करती हैं अठखेली तो लगती हैं सहेली सी 
 जो रूठे तो लगती हैं बड़ी ही  अलबेली सी 
यादो के आशियाने से कभी किसी बहाने से 
यह फिर से झेड़ देती हैं कुछ बिखरे तार पुराने से 
कभी सपने गिराती  हैं ये वक़्त के दामन पे 
कभी आसूं दे जाती हैं ये पलकों के किनारों पे

Tanhai


जब भी मोड़ आया जिंदगी में कोई उस वक़्त हमने खुद हो तनहा सा पाया |
क्या करे हम किसी रिश्ते की बात बेबसी के वक़्त तो साया भी अपना न आया |
जीते रहे छुपा कर अपने गम भी सभी फिर भी आखों को अपनी नम सा पाया |
जब भी मोड़ आया जिंदगी में कोई उस वक़्त हमने खुद हो तनहा सा पाया |

LIFE


दुनिया बड़ी अजीब हैं यहा कब कौन कहा बदल जाए कुछ पता नही हैं |
कभी कभी जो रास्ते मंजिल लगते हैं वो रास्ते में ही गुम हो जाते हैं |
कभी कभी जो अपने लगते हैं वो सपनो में ही गुम हो जाते हैं |
क्या हकीकत हैं यहा और क्या फ़साना हैं |
बहुत मुश्किल सा लगता  ये जान पाना हैं |
ज़िन्दगी कभी कभी दो लफ्जो में बयाँ हो जाती हैं 
और कभी कभी कम पड़ जाता शब्दों का खजाना ह...

जय गणपति महाराज

वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि  सम्प्रब्हम 
निर्वघ्नम कुर्मे देवं सर्व  कार्येशु सर्वदा