Wednesday 14 August 2019

आज फिर वही बात छिड़ गई,
फिर पुरानी याद आ गयी,
नही चाहा पर फिर भी याद आज भी रुला गयी,
वो कलाई जो छूट गयी हमेशा के लिए,
आज वो रेशम की डोर उसकी कलाई को तरसा गयी,
जेहन मे से अतीत के पन्ने नही फटते,
मिट चुकी हस्तियां है फिर भी रिश्ते नही मिटते,

No comments: