Thursday, 14 April 2022

जिंदगी की आजमाईश

 जिंदगी तु मुझे हर बारी क्यूँ आजमाने चली आती है,

जब भी जीने की कोशिश करती हूँ तू सताने चली आती है,

छोड़ दे ना अकेला मुझे क्यूँ हर बारी एक नया ख्वाब दिखाने चली आती है,

दुनिया के छलावे से जब भी खुद को समेट के खड़ा करती हूँ तू मुझे फिर उलझाने चली आती है,

साँसे है चल रही है वक़्त है गुजर रहा है क्यूँ हर बारी तू अपनेपन का स्वांग रचाने चली आती है,

चुपचाप ही तो हूँ किसी का क्या लेती क्यूँ हर बारी तू मुझे भूला हुआ सब याद कराने चली आती है,

अब मुस्कुराने की हिम्मत भी ना होती मेरी क्यूँ की तू हर बारी आंसुओं कि चादर मुझे तोहफे मे देने चली आती है ........................................................



Saturday, 26 March 2022

मनो व्यथा

 कुछ बेचेनी है जो समझ नहीं आती , 

कश्मकश सी हर वक़्त छाई है, 

मुझे पता नहीं मेरा मुक्कदर,

किस मोड़ पे खड़े है हम ,

आंखों मे सिर्फ परछाई है,

कुछ सहमे कुछ डरे ,

टेढ़ी मेढी हाथों की लकीरो मे उलझें पड़े,

पता नहीं मेरी किस्मत मुझे कहां छोड़ आई है,


Thursday, 17 March 2022

बेरंग होली

जीवन मे रंग नहीं है फिर भी होली है,

हम किसी के संग नहीं है फिर भी होली है,

रिश्तों मे अब समर्पण नहीं है फिर भी होली है,

रंगों मे रंग जाने का अब मन नहीं है फिर भी होली है,

फरेबी सी दुनिया मे सच्चा रंग नहीं है फिर भी होली है,

आजकल के अपनो मे अपनो के लिए वक़्त नहीं है फिर भी होली है,

हाथों मे गुलाल है और मन मे कटार है फिर भी होली है,

तमाम उलझने है जलती मन मैं मन की होली है,फिर भी होली है,

चलो होली कल भी थी आज भी है बस होली तो होली है

क्या जला आये होलिका मे सब तो राख है फिर भी होली है,

Wednesday, 16 March 2022

मेरा जादू..................................

 तू वजह कब बन गया मेरे जीने की पता ही ना चला , 

एक अजनबी अनजान शक्श मुझे इतना प्यारा भी होगा,

जिसपे बेफिक्र हो के मैं यकीन करती हूँ,

जो मुझे बात बे बात ढेरो मुस्कुराहट तोहफे मे देता है,

जिसने मुझे बदल के रख दिया मेरी रात को दिन बना दिया,

मेरी उदासियां जाने कहां दफना दी,

मैं तो चुप गुमशुम सी जी रही थी जिंदगी ,

उसने मुझे खुद से खुद मे मिला दिया,

वो एक बड़ा जादुगर ही है जो आज मेरी आदत बन गया,

अब डर लगता है कहीं ये हाथ ना छूट जाए,

इसके जाने से मेरा ख्वाब ना मेरी आँखों से रूठ ना जाए,

फिर मैं गुमशुम हो जाऊ और हंसना क्या मुस्कुरा भी ना पाऊं,

कहां से लाये हो तुम इतना प्यार निश्चल, निर्मल, निर्विकार,

तेरे लीजिये मुझे हर मुश्किलें स्वीकार...................................

न्

Tuesday, 8 March 2022

 किसी को समझने मे गलत समझना सबसे आसान होता है सही समझने मे शायद बरसो लग जाते है गलत ठहराने मे चन्द पल एक इल्जाम एक तोहमत बस 

Sunday, 16 January 2022

जीवन एक रणभूमि

 जीवन एक रणभूमि है हुंकार करो और बड़े चलो, 

खुद को ही खुद से जीतो,

खुद के प्रहार लोगो के वार सब सहते रहो और लड़ते चलो कभी खुद से ,कभी दूसरों से जब उचित जान  प्रतिकार करो,

 खुद ही तुम खुद को समझो हर हार जीत सहर्ष स्वीकार करो

जीवन के रण मे तुम घायल हो या मर जाओ हर घाव से रिस्ते खून का स्राव मे आनंद भरो,

तुम कभी ना विचलित हो जीवन पथ पर,

हर घाव सहर्ष स्वीकार करो,

जख्म को हरा ही रहने दो हर दर्द में तुम आंनद भरो,

पथ के कांटे पथ के कंकर खुद ही ढूंढो खुद पाँव धरो,

जीवन मे सब एकल ही है ये बात सहर्ष स्वीकार करो,

जीवन एक रणभूमि है हुंकार करो और बड़े चलो...................................................

दर्द

 हर एक शख्स जो हमसे रुबरु हुआ वो कुछ ना कुछ हासिल ही करने आए, हम बेमतलब सबको अपना मान बैठे , हमें हमेशा एक फरेब एक टीस ना मिटने वाला दर्द ही हासिल हुआ ,ना बदल पाए हम खुद को फिर भी एक बचपना जो हमने बड़े होने तक ना छोड़ा, ना जाने मरने के बाद ही छूटेगा ये अब तब तक और कितने दर्द हासिल होंगे, मन से सोचने का काम कब बंद होगा ,कब हम खुद से खुद मे शामिल होंगे.................................................................................

जीवन -एक स्वप्न

उम्र भर के लिए कुछ भी नहीं जो आज है वो कल नहीं होगा वक़्त है बदल जाएगा, और बदलता वक़्त ले जाएगा अपने साथ आपका सब कुछ, कुछ झूठी मुस्कान कुछ सच्ची हकीकत, कुछ तस्वीर सा आईना, कुछ गहरी कुछ उथली बातें, कुछ परछाइयां ,

........................................

Tuesday, 15 June 2021

पिंजरा

 क्यूँ कभी कभी ऐसा लगता है जैसे हमारे इर्द गिर्द एक बड़ा सा पिंजरा हो और हमने उसमें खुद को कैद कर रखो अपनी स्वेच्छा से अपने हालातो के चलते ,कभी मन मे आता है ये सारे दायरे हम तोड़ दे खुद को स्वतन्त्र छोड़ दे ,तोड़ दे ये पिंजरा रिहा हो जाए , पर क्यूँ नहीं कर पाते हम ऐसा क्यूँ नहीं तोड़ पाते अपनी सोच के दायरे , क्यूँ नहीं आसमानो तक अपनी आवाज़ नहीं पहुंचा पाते ,क्यूँ घुटन के बाद भी कम हवा मे सांस लेते है ,


Tuesday, 25 May 2021

राज........–

 इस तिलिस्मी दुनिया मे लोग वफादार नहीं मिलते,

मन कि बात कह सके वो राजदार नहीं मिलते,

मिलता है सब कुछ यहां के बाजारो मे मगर जो बिक ना सके वैसे ईमानदार नहीं मिलते,

बड़ा आसान लगता है अपना मान लेना मगर जो अपना बन सके वैसे किरदार नहीं मिलते,

दिए कि लो मे रोशन है आज भी कई घर कि सबके यहां रोशनदान नहीं मिलते,

Saturday, 15 May 2021

बातें

 बात की बात थी ,

बातों में बात थी,

बातों ही बातों मे बात बीत गई,

बातों की कहानी बनी,

बातों का बतंगड बना ,

इन्ही बातों बातों मे दिन और रात बीत गई .........

Thursday, 13 May 2021

मन की बात

 बहुत दिन बीते मेरी खुद से कोई ना बात हुई,

मिलते है बाहरी दुनिया से खुद से पर मुलाकात ना हुई,

कई बार उमडे मन के बादल पर बरसात ना हुई,

आँखों मे नमी भी रही , भावनाओं मे ख़ुशी भी रही पर इनकी रहमत हमारे साथ ना हुई......................


Monday, 3 May 2021

स्पष्टता

 जिंदगी और मौत का अगर कोई सवाल नहीं, 

तो यूँही असत्य कहना मेरा कोई कारोबार नहीं, 

झूठ से हासिल कभी कुछ भी तो होता नहीं,

सार्वभौमिक सत्य  है जीवन कोई धोखा नहीं.......अंजलि

Friday, 9 April 2021

जीवन

 जिंदगी किसी जंग से कम नज़र आती नहीं,

हम जिंदा है या मर चुके है बात समझ आती नहीं,

ना नजरिए है ना नजारे है,

कभी सोचो तो डर लगता क्या हम वही है ??

जो कभी किसी बात से डरते ना थे,

हर गलत बात पे लड़ते थे पीछे हटते ना थे,

अब बड़े मजबूर और कमजोर से हो गए है हम,

लगता है अपने आप से हि दूर हो गए है हम,

किस किस से लड़े किस किस कि सुने

जीवन शूल सा भूकता है,

कौन सी राह चलें, कौन सी छोड़ दे,

कौन सपना है कौन पराया किसे क्या कहे या कुछ भी कहना छोड़ दे,

ये खामोशी कहीं मुझे खामोश हि ना कर दे..............


Thursday, 8 April 2021

यूँ ही अनकही

 जीवन की आपाधापी में हम कुछ ऐसे दौड़े,

उतर गए रंग ,

दिखें सबके ढंग,

चलो अब हौले हौले....................

Friday, 27 September 2019

विश्वास - एक सजा

ज़िन्दगी तू मुझे एक सीख और दे गयी,
भरोसा तो वैसे भी लोगो पे कम था मेरा और रहा सहा भी सब ले गयी,
लोगो पे ऐतबार करने की एक बेहतरीन सजा दे गयी,
सिर्फ आपके मानने भर से दुनिया अपनी नही हो जाती गैर को गैरो की तरह ही रखने का नजरिया दे गयी,

Thursday, 26 September 2019

भूल मेरी शूल सी लगती है,
गलती गुनाह सी लगती है,
भूलना चाहती हूँ गुजरे मंज़र को,
पर यादें वही उलझी है,
जहां से राह मोड़ चुके है लोग,
आज तक मेरी निगाह उसी रास्ते को निहारती है,
कैसा मंज़र था तूफ़ान का जो छीन ले गया हमसे ,
पर क्या कहे लोग भी तो सिर्फ संजोग से मिलते बिछड़ते है........


Sunday, 22 September 2019

खोना

इस दुनिया मे जो आपके पास से जो गया,
असीम अनंत दुनिया का हो गया,
वो जो कल था वो वापिस नही आना,
वो अतीत के दामन मे खो गया,
जो आदत में उतर गया था कभी,
आज नजरो से भी ओझल हो गया,
वक़्त है ये वक़्त जो वापिस लौट के नही आता,
मेरे जीवन का वो लम्हा मुझसे जुदा हो गया.......

Saturday, 21 September 2019

एक विचार

मैं अकेले खुश थी या उदास थी,
मैं खुद के लिए खास थी या बकवास थी,
मैं मेरे विचारों में थी या मेरे उसूल मुझमे थे,
मेरे सवाल खुद से थे या मैं खुद के लिए एक सवाल थी,
मैं खुद के लिए सिर्फ एक मशवरा थी या सभी सवालों का खुद ही जवाब थी,
मैं शून्य थी या शून्य में जीवन की तलाश थी,
मैं जिंदगी की किताब का एक पन्ना थी या मैं खुद एक किताब थी,
मैं एक चित्र थी या चित्रवलियो की एक श्रृंखला थी,
मेरी स्वास मुझमे थी या स्वास में मैं थी,
मैं एक पल थी या चलते समय के साथ हर पल के साथ थी,
मैं स्वयं प्राणवायु थी या प्राणवायु मेरे साथ थी,
मैं एक आत्मा थी या आत्मा में मै थी,
मैं एक अनसुलझा सवाल थी या सुलझे हुए हर सवाल का जवाब थी,
मैं स्वयं एक आग थी या जीवन को प्रदीप्त करने को मुझमे कही आग थी,
मैं पंचतत्वों से रचित एक जीव या मुझमे सिर्फ पंचतत्वों की ही शक्ति मात्र थी,
मैं अवचेतन पारलौकिक जगत का हिस्सा या मैं स्वयं चेतना मात्र थी,
मैं जो भी थी जैसे भी थी  बस उस परम पिता परमात्मा की एक कृति मात्र थी.............
..
विचार

Sunday, 15 September 2019

जिंदगी अनजानी

जिंदगी तुझे जीना ही ज्यादा मुश्किल है ,
तू रोज नए नए पैतरे बदलती है,
एक मुश्किल जाती भी नही तू नयी भेज देती है,
तराशे या कुरेदे तुझे तू तमाशा बना ही देती है,
कभी कभी रहने का मन नही होता तुझमे,
पर फिर भी साँसों की डोर भी तेरा ही साथ देती है,
यूँ कहने को तो मेरे सीने में धड़कता है दिल पर धड़कन पर हक़ तू ही जमा लेती है,
जीवन पूरा हो जाता है पर समझ नही आती जिंदगी,
तू अपनी होते हुए भी होती है बेगानी,
तू जानकर भी रहती है रह जाती है अनजानी..........