Sunday 15 September 2019

जिंदगी अनजानी

जिंदगी तुझे जीना ही ज्यादा मुश्किल है ,
तू रोज नए नए पैतरे बदलती है,
एक मुश्किल जाती भी नही तू नयी भेज देती है,
तराशे या कुरेदे तुझे तू तमाशा बना ही देती है,
कभी कभी रहने का मन नही होता तुझमे,
पर फिर भी साँसों की डोर भी तेरा ही साथ देती है,
यूँ कहने को तो मेरे सीने में धड़कता है दिल पर धड़कन पर हक़ तू ही जमा लेती है,
जीवन पूरा हो जाता है पर समझ नही आती जिंदगी,
तू अपनी होते हुए भी होती है बेगानी,
तू जानकर भी रहती है रह जाती है अनजानी..........

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