Wednesday 4 September 2019

दगा

तू दगा करके खुश है तो जा खुश हो ले,
हम भी दिल के दर्द को आँसुओ में बहा देंगे,
पता था हमे लोग यूँही होते है दुनिया इस लिए इतबार नही करते थे,
तेरा हर झूठ सच सा लगा था हमे गलती हमारी ही तो थी सपने जो देखे हमने ,
झूठ की ईंट पे सच्ची मीनार जो बना ली थी हमने,
अंजाम से बेखबर होंके लोगो पे यकीन जो कर ली थी हमने,
दर्द बर्दाश्त तो नही होता पर जीना तो हर हाल मे होता है ,
एक आंधी सा आया तू और तूफ़ान सा उजाड़ गया,
जिंदगी का एक और सबक सीखा ही गया ........

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