अगर आप खुद को मिटा सकते है तो हां आप रिश्ते निभा सकते है,
आप अपनी भावनाएं अपने मन के भाव सिर्फ अंतर्मन में छिपा सकते है तो हां आप रिश्ते निभा सकते है,
अपना गुस्सा अपना डर सिर्फ खुद को दिखा के दूसरो के सामने मुस्कुरा सकते है तो हां आप रिश्ते निभा सकते है,
सब सही गलत भूल के अगर आप खुद को दोषी बना सकते है तो हां आप रिश्ते निभा सकते है,
आप रहे या ना रहे खुद में बाकी पर दूसरो को उनके लिए नजर आ सकते है तो हां आप रिश्ते निभा सकते है,
सारी शर्ते सारी परिस्थिति में आप अपने आप को भुला सकते है तो हां आप रिश्ते निभा सकते है,
कटपुतली जैसे मौन रह के सबके इशारों पे खुद को नचा सकते हैं तो हां आप रिश्ते निभा सकते है ,
मान अपमान सब में खुद को स्वयं दबा सकते है तो हां आप रिश्ते निभा सकते है,
आप किसी भी स्थिति में हो पर औरों के लिए हर वक्त खड़े आ सकते है तो हां आप रिश्ते निभा सकते है ......